वर्षीतपनो साद थयो छे,

 तप करवानी प्यास, 

तेर मासनुं ए तप न्यारूं, 

ऋषभजीनुं खास, 

दादा ए तो तप कराव्युं, 

आनंद छे हो आज, 

आदिनाथना साथ थी थयुं, 

मंगळ तप हो आज, 

हो तपने वधावो रे,

 के उत्सव आव्यो रे, 

के आदिनाथ मळ्या रे,

 के पारणा आव्या रे…(१)

 

उत्सव आव्यो पारणियानो,

 खुशी मनावो आज, 

मरूदेवीना हैये आजे, 

आनंद अपरंपार, ईक्षुरसथी

 पारणा थाये, मारा प्रभुना आज, 

श्रेयांसकुमार करावे पारणुं, 

मारा प्रभुने आज, हो तपने वधावो रे, 

के उत्सव आव्यो रे, 

के आदिनाथ मळ्या रे, 

के पारणा आव्या रे…(२)

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