वर्षीतप आराधकों को, शत शत वंदन है, 

आदिनाथ के मार्ग से, पुलकित तन मन है, 

वर्षीतप आराधकों को, शत शत वंदन है….(१)

 

फागण वदी आठम का दिन जगउपकारक है, 

तेरह मास तेरह दिन का तप भव निस्तारक है,

अक्षय तृतीया का दिन इक्षुरस से प्रभावक है, 

आदिनाथ के मार्ग से, पुलकित तन मन है, 

वर्षीतप आराधकों को, शत शत वंदन है….(२)

 

कर्म की जंझीरो को तोड़े तप तप उपकारी है, 

 आतम शुद्धि के ये दिन बड़े गुणकारी है, 

जिनशासन की यह तपस्या मंगलकारी है,

 आदिनाथ के मार्ग से, पुलकित तन मन है, 

वर्षीतप आराधकों को, शत शत वंदन है…(३)

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