तने जोई मन हरखाय गिरनार…

 (राग : मैया तेरी जय जयकार…/ सुगंधनुं सरनामुं संयम…)

 तने जोई मन हरखाय गिरनार,

 आतम सुवासित थाय गिरनार (२)

 मारा दिलमां तुं समाय गिरनार, देवो तारा गुण गाय गिरनार…

 पावन शिखरे नेम बिराजे, दीक्षा केवल भूमि जे गाजे,

तारी गोदमां नेमनुं निर्वाण… तने जोई मन हरखाय गिरनार,

 आतम सुवासित थाय गिरनार…

 शाश्वत सुखनो दातार, हैये वसतो तुं गिरनार,

तुजने चाहुं छुं वारंवार, धबके दिलमां तुं गिरनार… ॥१॥

 तारक तीरथमां छे नाम, नेमजीनुं साधनानुं धाम… (२)

महापुरुषो शुरवीरो तुज रक्षा काजे थया छे कुरबान… कुरबान…

शाश्वत सुखनो दातार… ॥२॥

 अविरत सौंदर्य ताहरुं, लोभावे मन माहरु… (२)

 तारी छबी हृदये वसावी, मनमां नेमि नामने समावु… समावु…

  शाश्वत सुखनो दातार… ॥३॥

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