मने व्हालुं लागे, मने व्हालुं लागे

मने व्हालुं लागे दादा तारुं नाम

तन, मन, धन प्रभुना चरणोमां (२)

नाम तमारु लेता दादा भवसागर तरी

जईए स्मरण तमारु करतां दादा

मुक्तिना डग भरीए तने जोया करु (२)

दिवस ने रात तन, मन, धन…

सुरवर मुनिवर सौ कोई समरे नाम तमारु

हैये तारा नामे पापी जीवो पण पावन

थई जाये मारा हैये वसे (२)

दादा तारु नाम तन, मन, धन…

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