समर्पित समर्पित समर्पित थइए, 

प्रभु चरणे समर्पित थइए….(१)

 

मुझ क्रोध समर्पित, अहम समर्पित, 

मोह माया समर्पित करिए,

 समर्पित समर्पित समर्पित थइए, 

प्रभु चरणे समर्पित थइए….(२)

 

अपायोने दूर करीने, राग परास्त कर्या, 

केवलज्ञानना स्वामी थइने, भावे अरिहंत

थया, अतिशयो अद्भुत, वर्णवी ना

शकीये, समर्पित समर्पित समर्पित

थइए, अरिहंत चरणे समर्पित थइए…(३)

 

मुझ मूर्छा समर्पित, ममत्व समर्पित, 

आ संसार समर्पित करिए, 

समर्पित समर्पित समर्पित थइए, 

अरिहंत चरणे समर्पित थइए…..(४)

 

समवसरणमां त्रिपदी पामी, गणने धारण

 कर्यां, द्वादश अंगोनी रचना करीने, 

मार्ग स्थापित कर्यां, ए पद अनुपम, 

तेनु ऋण अदा करिए, समर्पित 

समर्पित समर्पित थइए, 

गणधर चरणे समर्पित थइए…(५)

 

मुझ कर्मो समर्पित, दोषों समर्पित, 

कषायो समर्पित करिए, समर्पित 

समर्पित समर्पित थइए, 

गणधर चरणे समर्पित थइए…(६)

 

श्रुतनी रक्षा करवा खातर, 

आपे उजागरा कर्या,

देहनी परवा कार्य विन आपे,

 ग्रंथो रचता रहया,

उत्कंठा एकज ते तत्वो अमे ग्रहीए, 

उत्कंठा एकज ए ग्रंथो अमें भणिए,

समर्पित समर्पित समर्पित थइये, 

सद्गुरु शरणे समर्पित थइए…(७)

 

आ भव समर्पित, मुझ भ्रमण समर्पित, 

भव भ्रमण समर्पित करिए,

समर्पित समर्पित समर्पित थइए,

 शासन चरणे समर्पित थइए….(८)

 

समर्पित समर्पित समर्पित थइए….

अरिहंत चरणे समर्पित थइए, 

गएधर चरणे समर्पित थइए,

सद्गुरु शरणे समर्पित थइए, 

शासन शरणे समर्पित थइए…(९)

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