प्रीतम मारा ओ मारा नेमजी, आव्यो छुं तारे गिरनार,

नेम मारी विनंति तुंना सांभळे तो, जगमां कोई पूछे ना मने..

व्हाला मारी वेदना जो तुं ना सांभळे तो, जगमां कोई पूछे ना मने..(१) 

नेम तारा विरहमां बाळ आ रहे छे, गढ गिरनारे आवी तुजने कहे छे,

वीतरागी तारो रागी थईने आव्यो, मुक्ति तणो अभिलाशी थईने आव्यो,

नेमि निरंजन नाथ तुं मारो, मने बोलावो तारी पास,

नेम मारी विनंति…..(२) 

पुढूल मोहमां मारे ना पडवं, तारी कृपाथी मारे वैरागी बनवुं,

आतमने मारा तुजमां छे भळवं, गिरनारी संगे मारे गिरनारी बनवुं,

राजुल जेवी प्रीति मारी, मुझने करावो भव पार,

नेम मारी विनंति…(३) 

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