प्रेमभीनी प्रेम-धरती,

रंगभीनी आंखो रंगती, 

सर्वविरति मने मनगमती…

 श्रमणोना मनमां रमती,

श्रमणीना दिलने गमती, 

सर्वविरति मने मनगमती..(१)

 

मनगमती मने सर्वविरति,

व्हाली लागे मने सर्वविरति,

 लेवी मारे लेवी सर्वविरति,

व्हालामां व्हाली मने सर्वविरति…..(२)

 

भीतरी दुनियामां, परमानंद छे,

संयमनी यात्रामां, सद्गुरु संग छे, 

सहु कोई आपणुं, ना कोई परायूं,

गुणोने जोई-जोई हैयुं भरायुं,

रात-दिन सुख-दुःखना सहु

संताप हरती… व्हाली लागे…(३)

 

अंतरमन ज्यां, अलख निरंजन,

शुध्ध-अविनाशी, पावन अंजन,

पंचाचारमां, ना कोई विचार,

नयनोना द्वारे वरसे, करुणानी धार,

 “उदय”ना जीवन रंगमां

रंगों भरती… व्हाली लागे…(४)

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