पर्व आया पर्युषण, मांग लो क्षमा,

 प्रभु महावीर से जुड़े हर आत्मा…(१)

 

मैं हुं कर्मों से अभागा, चंडकौशिक समान, 

बनुं धूल तेरे चरणों की, दे दो क्षमादान, 

पर्व आया पर्युषण, मांग लो क्षमा,

 प्रभु महावीर से जुड़े हर आत्मा…(२)

 

प्रभु तेरी प्रीत साची, तुझसे ही हैं हम,

 मांगे मन-वचन-काया, मिच्छा मि दुक्कडम्, 

पर्व आया पर्युषण, मांग लो क्षमा,

 प्रभु महावीर से जुड़े हर आत्मा… (३)

 

माने सारा जग माने, जिनधर्म है महान, 

जिनशासन की जय-जय से, गूंजे आसमां,

 पर्व आया पर्युषण, मांग लो क्षमा, 

प्रभु महावीर से जुड़े हर आत्मा…(४)

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