ओचिंतुं तो कोई मने,
सामे मळे ने पछी,
भावथी पूछे के शाता छे?
आपणे तो कहीए के,
महावीरना शासनमां,
देव गुरु धर्मनी महेर छे…. (१)
एक-एक कलाके,
ज्यारे मारूं मन थाए,
खावा पीवानी मने टेव,
डोक्टर पण कहेता के,
हाई ब्लड प्रेशर छे,
उपवास थाशे ना एम,…( २)
श्रध्दानी बांधी मैं मजबूत पाळी,
ना तूटे तोडावे जो कोई,
एक एक मासना उपवास करूं तोय,
मारूं शरीर हेमखेम छे..
आपणे तो कहीए…( ३)
रोज-रोज बनती ए मनगमती वानगीनी,
आवे सुगंध मने तेज,
रस्ता पर जाता ए होटलनी बारी,
टहुको करे छे मने सहेज…( ४)
रसना डुबाडे त्यां आत्मा जगाडे,
ए साथे रहे छे मारी रोज,
गुरुदेवनी वाणीनी एवी असर के मारूं,
मनडुं जरी ना डगे एम छे..
आपणे तो कहीए… (५)