ओ गुरूरामना भक्तो, 

तमे याद गुरुने करी लो, 

आ अवसर छे अणमूलो, 

गुरूचरणे जीवन धरी दो

आ अवसर जो चूकी जाशो, 

तो पाछळथी पस्ताशो, 

महाभाग्ये गुरु मळ्या छे,

 उपकारने याद करी लो…(१)

 

तर्ग: (अय मेरे वतन के लोगो)

 

ओ! रामचंद्र सूरीश्वर! शासननो तुं

सेनानी, सैनिक अमे सहु तारा,

नमीये तने सेनानी…(२)

 

शासननी सामे आव्या, 

विघ्नो तोफानी ज्यारे,

 जेहाद जगावी ते तो, 

विघ्नो शमाव्या त्यारे, 

तारी ज हती ए हिंमत, 

शासनमां जेनी किंमत… सैनिक….(३)

 

दीक्षा विरोधे ज्यारे, 

भीषण स्वरूप धर्युं तुं, 

दीक्षाना पक्षे रही ते, 

जगने उभु कयुँ तुं, 

जोयो तुं सामे पूरे, 

चाल्यो जनार एक ज… सैनिक….(४)

 

पथ्थर पण बनता पाणी, 

एवी हती तुज वाणी, 

शासननी खातर ते तो, 

कीधी जीवन कुरबानी,

 जेवो तुं तेवी तारा, 

भक्तोनी जयजवानी… सैनिक…..(५)

 

जीवनमां एवा आव्या, केई महातोफानो, 

क्यांये पडयो ना पाछो,

 हो मान के अपमानो, 

समभाव तारो न्यारो, 

केवो अजबगजबनो… सैनिक….(६)

 

अंतिम चोमासु ते तो,

 साबरमतीए कीधुं, 

मृत्यु समाधि साधी, 

मंगळ प्रयाण कीधुं, 

छोडी गयो तुं अमने,

 सहेवो रह्यो विरहने… सैनिक…..(७)

 

बे हजार सुडतालीसनी, 

चौदस अषाढ वदनी, 

कोने खबर हती आ,

 घडीओ गुरुगमननी, 

छोडी गयो भले तुं,

 अमे याद करीशुं तुजने… सैनिक…(८)

 

शासनना इतिहासे, तुज नाम

 अमर रही जाशे, 

कीर्तिना कदी भूंसाशे

 ज्यां-त्यां बधे गवाशे, 

पळ पळ स्मरूं हुं तुजने,

 आशिष देजो मुजने… सैनिक…(९)

 

वेठुं विरह हुं आजे,

 तुं स्वर्गमां बिराजे, 

स्वीकार जेने भावे, 

वंदन करूं छुं आजे, 

मांगु छुं “मुक्तिकिरण”, 

भमवुं हवे ना भववन… सैनिक…..(१०)

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