नेमि प्रीतम प्यारा

 (राग : अभी मुजमें कहीं…)

 नेमि प्रीतम प्यारा, व्हाला मारा नेमिनाथ (२),

 तुज संग प्रीतलडी एवी लागी मने, नवभव केरी प्रीतलडी,

 प्रभु हाथ झाली भवपार उतार, भवपार उतारो मने,

 मारा नेमिनाथ (२), भवपार उतारो मने (२). ॥१॥

 संयम लेवाने काज, प्रभु जई वस्यां गढ गिरनार,

 सहसावने करी निवास, प्रभु केवल वर्या गिरनार,

 रैवतगिरि मंडन दुःखडा दूर निवारो,

 स्वर्णगिरि मंडन भवना फेरा टाळो.  प्रभु हाथ० ॥२॥

 दीक्षा केवल ने निर्वाण, त्रण रत्न पाम्या गिरनार,

 शाश्वतगिरि शणगार, तमे छो जीवन आधार,

 शिवादेवी नंदन चरण शरण आपो,

 मुज भक्तिनी विनंती प्रभुजी स्वीकारो. प्रभु हाथ० ॥३॥

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