मेरे प्यारे गुरु, मेरे प्यारे गुरु, मेरे गुरुदेवजी…

शासन के रंग से रंगीले, प्यारे गुरुवरीया…

 साथना के पुष्पो की सुवास, महेके रे

मुनिवरीया… मनडु हरखे रे गुरुवरीया,

 मुखदु मलके रे मुनिवरीया, 

संयम के संग से सजीला….(१)

 

गुरुवर के जहाँ चरणो चूमे, धरती धरे

ये दिव्य प्रभाव, समता मुख पे सहाय

तन में, प्रसन्नता का धरे ये निधान,

सरल स्वभावक के साधक,प्यारे ये

मुनिवरीया… शासन के रंग से रंगीले,

प्यारे गुरुवरीया… मनडु हरखे रे गुरुवरीया,

मुखदु मलके रे मुनिवरीया, संयम के

संग से सजीला… शासन के रंग से

रंगीले, प्यारे गुरुवरीया… साधना के पुष्पो

की सुवास, महेके रे मुनिवरीया…(२)

 

ओ गुरुदेव तुं, मनमां समातो, 

मने याद आवशे, तारी गमती वातो,

 तारी गमती वातो, के तारी गमती वातो..(३)

 

गौतम सम ये मुनिवर मेरे, सदा है

लब्धि भंडार, गुण के बनाए वारस मुझे, 

कराईए संयम स्वीकार, जन्मो जन्म मुझे

मिले, मेरे ए मुनिवरीया… शासन के रंग

से रंगीले, प्यारे गुरुवरीया… मनडु हरखे

रे गुरुवरीया,मुखदु मलके रे मुनिवरीया,

संयम के संग से सजीला….शासन के

रंग से रंगीले,प्यारे गुरुवरीया…. साधना के

पुष्पो की सुवास, महेके रे मुनिवरीया..(४)

 

मेरे हृदय के प्यास बने आप, जीवन

के गुरु प्राण आधार, सर्वस्व करदे समर्पण

तुझे, रखना गुरु मेरी संभाल, हृदय से

रखना सदा साथ, छोडना न गुरुवरीया…

 शासन के रंग से रंगीले, प्यारे गुरुवरीया… 

मनडु हरखे रे गुरुवरीया, मुखदु मलके रे

मुनिवरीया,संयम के संग से सजीला….

शासन के रंग से रंगीले, प्यारे गुरुवरीया….

 साधना के पुष्पो की सुवास, महेके रे

मुनिवरीया…(५)

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