मारा हैये विराजता आदिनाथजी,

जिनवरजी, महावीरजी

जेना दर्शन करीने थयुं पावन आ मन

जेना मुखडां ने जोई बन्युं जीवन

आ धन्य मारा वीर रे प्रभु… मारा हैये…

हूं तो वीर प्रभुजीनी भक्ति रे करुं.

माएं जीवन आखुं एना चरणे धरुं

तारा मुखडां ने जोई दादा नमन करूं,

मारुं मोही लीधुं मन… मारा हैये…

हूं तो नाम रटण करूं घडी रे घडी हवे

 दादा मारे भीड रे पडी तारी आंखोमां

जोई छे में तो प्रेमनी जडी,

मारा तारणतरण… मारा हैये…

मारो आतम बन्यो छे आज बडभागी

में तो हैया मेल्यां छे आज शणगारी

तमे वहेला पधारो उरना

आंगणीये मारा वीर रे प्रभु… मारा हैये…

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