मने वेष परम तणो गमे, 

मारुं मन तो मनोरथमां रमे…(१)

 

पलमां वधाई ने पलमां विदाइ,

 संयोग वियोगनी रमतो छूटे,

 मने वेष परम तणो गमे, 

मारुं मन तो मनोरथमां रमे…(२)

 

लाख लोभामण, पापनुं पोषण, 

अनादि अनंतनी कुटेवो छूटे, 

 मने वेष परम तणो गमे,

मारुं मन तो मनोरथमां रमे…(३)

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