कई ना चाहुं, झंखना तारी,

 पामीने गुरु, मांगु शुं प्रभु समजी,

 तुं छे तो दिल धबकतुं छे,

 तुं छे तो श्वास चाले छे..

तुं ना तो पर परमां हुं रही जाय,

 तुं छे तो छे परमनो साथ,

तुं छे तो राह ना भकुं,

 तुं छे तो पापथी अटकुं..

के तारा विना सांज हो ना सवार,

 थशे संवेगथी भवपार, तुंछे तो…(1)

 

मुजमां तारो अंश-अंश,

पामुं मारा सारथी,

 सौ जनम पण ओछा लागे,

लागे तारी साथजी,

छुं ऋणी तारो ऋणी,

 धूल छुं तारा चरणोनी,

हूं हारूं त्यां तुं जीतावे,

 नाव तुं मारा जीवननी,

 साथ तारी जीत नाते,

जीत ना लागे,

तुं छे तो दिल धबकतुं छे….(2)

 

छे ऋणानुबंद जे,

 आ बंध ना तूटे कदी,

 श्वास छूटे हाथथी पण,

 हाथ ना छूटे कदी,

 हुं नासमज नादान छुं,

 तुं आवी मुजने थामीले,

लागे के प्रभु पुकारे,

 ज्यारे तुं मारुं नाम ले,

एक संगे मुक्ति पामुं,

अलग ना थाजे,

तुं छे तो दिल धबकतुं छे…(3)

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