जो भी है हमसे रूठे, 

उनको आज है मनाना, 

जिनसे भी हम है रूठे, 

उनको देना क्षमापना…(१)

 

आओ मिलके साधना कर, आत्म को

शुद्ध करे, कर्म निर्जरा कर, हम मोक्ष

मार्ग चले, जिनाज्ञा का पालन हम,

आजीवन करे,ओ देखो आया पर्युषण

आया,पर्वो का राजा, पर्युषण आया….(२)

 

त्रिशला माँ बनकर वीर को झुलाऊँगी, 

प्रेम पुष्पों से सजाऊँगी,  कुछ

इस तरह से मैं वीर में खो

जाऊंगी मन में उनको बनाऊँगी …(३)

 

प्रभु का है सीर पे हाथ, 

सद्गुरु भी है साथ, 

मिलकर हम तपस्या करे, 

ओ देखो आया पर्युषण आया,

 पर्वो का राजा, पर्युषण आया…(४)

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