जीवन अंजलि थाजो, मारुं जीवन अंजलि थाजो

भूख्या काजे भोजन बनजो,

तरस्या नुं जळ थाजो दिनदुःखीयानां आंसु ल्होतां,

अंतर कदी ना धरजो मारुं जीवन…

सतनी कांटाळी केडी पर,

पुष्प बनी पथराजो झेर जगतनां जीरवी जीरवी,

अमृत उरनो पाजो मारुं जीवन…

वणथाक्यां चरणो मारां नित

तारी समीपे धाजो हैयाना प्रत्येक स्पंदने

तारुं नाम रटाजो मारुं जीवन…

वमळोनी वच्चे नैया मुज हालकडोलक

थाजो श्रद्धा केरो दीपक मारो कदीये न जीवन…

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