जागी छे ईश्वर पर निष्ठा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा…(१)

 

मेळववाने गुण गरीष्ठा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा…(२)

 

खुद जिनवर जेना उपदेष्ठा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा… (३)

 

करवाने कायम शुभ चेष्टा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा….(४)

 

मध जेवा संयम फळ मिष्ठा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा…(५)

 

करवा आत्मोत्थान उत्तीष्ठा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा…(६)

 

आत्मोत्थान करनारी दीक्षा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा…(७)

 

शाश्वत सुखनी पामवा भीक्षा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा…(८)

 

लाग्यो छे संसार आ विष्ठा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा…(९)

 

खूंदवाने मारग अणदिठ्ठा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा…(१०)

 

लेनारा बनशे हवे ज्येष्ठा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा…(११)

 

सर्वोत्तम सर्वाधिक श्रेष्ठा, 

जंगम तीर्थनी प्राण प्रतिष्ठा…(१२)

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