हो संयम पंथना शूरवीरो, 

हो संयम पंथना शूरवीरो, 

सिंह गर्जना करी, 

आजे नीकळ्या जे राहे तमे…

 हो वीर वेषना केसरिया, 

हो वीर वेषना केसरिया, 

हवे करशो तमे, हाथमां धरीने ओघो…१

 

आणा ए धम्मो पाळीने,

 तमे हंफावजो कर्मोने, 

सत्व साधी वैरागी,

 वीतरागी धरजो दशा तमे, 

हो रहेजो सदा गुरु आज्ञामां,

 ओगाळी जातने तमे, 

धर्यो जे वेषने तमे, वफादार रहेजो एने…२

 

आ तो यात्रा मोक्षपतनी,

 आ तो यात्रा मोक्षपथनी, 

सिद्धशिला नगरी,

 जल्दी तमे पामो हवे… 

सर्व स्वीकारनी यात्रा,

 घाती कर्मोनो नाश करे,

 शुद्ध तारो आत्मा बने, 

भवथी तुं निस्तार करे…३

Shares:
Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *