गुरुवर मारा आजे,
जुओ केवा हरखे रे,
पदवी उत्सव काजे,
अंतरथी वरसे रे,
जिनशासनना तेज सीतारा,
केवा चमके रे.(१)

 

आतम प्रीतथी,
हैयानां हेतथी,
आवो सहु साथे राज,
गणी पन्यास पदोत्सव आयो आज…(२)

 

आवी आ पळ छे हरखाई,
अवसरने ल्यो बधाई, भावथी,
संयमनी कृपाने शणगारी,
आवी धन्य क्षणो प्यारी, प्रभावथी,
भक्तो झूमे आजे लगावथी.(३)

 

आतम प्रीतथी, हैयानां हेतथी,
आवो सहु साथे राज,
गणी पन्यास पदोत्सव आयो आज…(४)

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