गिरनारीने मळवा आजे,

 ललचायुं मारुं मन,

 प्रितम नेमिमां भळवा माठे, 

चालुं हूं नेमपथ….(१)

 

आंखडी मारी विरहमां स्वे, 

मळशुं कयारे ओ नाथ, 

कल्याणकारी मित्रो साथे, 

आवुं हुं गिरनार, 

ॐ नेमि नेमि…. 

ॐ नेमिनाथाय नमः… 

नमः नमः ॐ… 

गिरनारी नेमनो आ छे बुलावो, 

चालो जइये रे, 

ॐ नेमि नेमि…(२)

 

गिरनार-गीरी नथी ए तो स्वर्ग छे, 

मारा नेमिनो ए शाश्वत स्पर्श छे,

 ए तो भूमि छे अनंत अरिहंतोनी, 

जईये रे.. जईये रे.. 

सहसावने दीक्षा अने नाण छे,

 गीरी शिखरे नेमिनुं निर्वाण छे,

 सिद्धि वरशे भावी जिन चोवीसे, 

गिरनारे.. गिरनारे.. 

अंबिका माँ नो हाथ छे माथे, 

गोमेध यक्ष सहाय, 

कल्याणकारी मित्रो साथे, 

आवुं हुं गिरनार…. 

ॐ नेमि नेगिम…(३)

 

संयम वेश नथी सोनेरी पंख छे, 

मोक्षे जवानो सोहामणो पंथ छे, 

तीर्थंकरो-गणधरो ए प्ररूपेलो,

 मारगडो.. मारगडो… 

मारा नेमिनो छे पंथ त्यां आवुं हुं , 

मुक्तिपुरीमां वहेलां जावुं हुं ,

 राजीमती थयी मांगु हुं तुज पासे,

 विरती दे.. विरती दे.. 

आतमना कल्याण काजे,

 मळशे रजोहरण, 

देव-गुरुनी आणा पाळी, 

चालुं हुं नेमपथ…

ॐ नेमि नेमि…(४)

 

गिरनारी नेमनो आ छे बुलावो , 

चालो जइये रे…

ॐ नेमि नेमि…(५)

Shares:
Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *