छो मारा सहारा गुरुमाँ…. 

वैराग्य स्पर्श परम,

 भक्ति योग परम,

 निजानंद संयम महीं, 

परम हर्ष पामे परम…(१)

 

दुःख जाशे, 

सुख थाशे, 

प्रभु आज्ञा रोमे रोमे, 

बेहता वेहता,

 परमहर्ष छलकाशे,

 सुख संयमनुं व्हालुं व्हालुं, 

देजो ओघो निजने भाळुं,

 गुरुमाँ ओ गुरुमाँ, 

परम जेवो पामुं वैराग्य, 

वैराग्य वैराग्य, 

यशोकृपाथी पामुं वैराग्य…(२)

 

वैराग्य गुलशनना,

 मघमघता उपवनमां, 

गुणोनी सुगंध माणी, 

कृपाथी हुं तारी, 

पामुं प्रभु यारी, 

चालीश संयम सवारी, 

अनहद, आनंद, जे आपे,

 पामुं रजोहरण आजे…

 वैराग्य वैराग्य, 

आपोने आपोने स्वामी वैराग्य…. 

वैराग्य वैराग्य , 

सुख छे अहीं ज साचुं वैराग्य…..(३)

 

आतमने गुरुवरनो, 

आतमने जिनवरनो, 

संग अहींथी मळे, 

थाक भवोभवना, 

जन्मोना फेरानो, 

लाग्यो छे आजे खरे, 

गुरूने, समर्पण, अहो निश,

 जे संयम जीवन अजवाळे…(४)

 

दुःख जाशे, सुख थाशे, 

प्रभु आज्ञा रोमे रोमे,

 वेहता वेहता , परमहर्ष छलकाशे, 

सुख संयमनुं व्हालु-व्हालु,

 देजो ओघो निजने भाळुं,

 गुरुमाँ ओ गुरुमाँ, 

आपोने आपोने स्वामी वैराग्य… 

वैराग्य ओ वैराग्य, 

परमपदनो बनुं स्वामी वैराग्य…(५)

 

प्रभु रंगे, गुरु संगे,

 परमहर्षनी पल-पल कहेशे,

रजोहरणे शोभे वीर वेशे….(६)

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