चारो दीशाए मस्त हवाए, 

धरती अंबर गाते है, 

गुरु चरणोमें स्वर्ग मीले, 

भगवान हमे मील जाते है…

 पंछी नदीयां बरखां बादल,

 यही बात बतलाते है,

 गुरु चरणो में स्वर्ग मीले, 

भगवान हमे मील जाते है…(१)

 

सारे तीरथ जिन के सूरत में, 

प्रभु पथ के जो हमराही है, 

तप – त्यागकी मुरत मस्तानी,

 गुरु गाथा जग में छाई है, 

सागर जीतनी शाही करूं, 

पर गुरु गुण लीखना पाते है, 

गुरु चरणो में स्वर्ग मीले, 

भगवान हमे मील जाते है…(२)

 

गुरुकृपा बरसे जीवन में,

 बस साथ तुम्हारा मील जाये,

 तुम को पाकर के जीवन में, 

मेरी किस्मत जैसे सवर जाये, 

धड़कन से सारे गुरुभक्ति के, 

गीत सुहाने गाते है, 

गुरु चरणो में स्वर्ग मीले, 

भगवान हमे मील जाते है…(३)

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