Shri 24 Tirthankar Bhagwan Ki Aarti: बहुत ही सुन्दर और मंगलकारी जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों की आरती। Jain 24 Tirthankar Bhagwan Ki Aarti करहूँ आरती आज जिनेश्वर तुम्हरे द्वारे,
जैन पूजन -विधान संग्रह
Namokar Mahamantra Pooja: जैन धर्म के सर्व पूजनीय पञ्च परम पद में स्थित पाँच परमेष्ठी ( अरिहंत , सिद्ध , आचार्य, उपाध्याय, साधु ) को नमस्कार किया गया है जिसमे ऐसे
श्री महावीर स्वामी जी जिन पूजा (Shri Mahaveer Swami Ji Pooja) कविश्री वृन्दावनदास जी द्वारा अनुपम कृति है। इस पूजा को पढ़ते एवं सुनते वक्त मनुष्यों का हृदय भाव विभोर
Navkar Mantra Aarti: नवकार कहो या णमोकार महामंत्र। बंधुओं बात एक ही है। क्यूंकि दोनों ही एकक दूसरे के समानार्थक है। इस मंत्र में जिन पञ्च पदों की आरती की
Bade Baba Pooja: बड़े ही पुण्य के उदय से इस कलियुग में हम भक्तों को बड़े बाबा अर्थात प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ एवं छोटे बाबा आचार्य श्री विद्यासागर जी मुनिराज
Navgrah Shanti Stotra Sasnkrit & Hindi : पंचम श्रुत केवली आचार्य श्री भद्रबाहु स्वामी द्वारा संस्कृत रचित एवं आर्यिका श्री 105 चंदनामती माता जी द्वारा हिंदी भाषा रचित नवग्रह शांति
Rishimandal Pooja : जन – जन के समस्त कष्टों को हरने वाला समस्त आधि- व्याधियों का नाशक यह स्तोत्र जैन दर्शन में अपना एक अलग ही स्थान को धारण करता
Shri Naminath ji Chalisa: माता विप्रा रानी पिता राजा विजय की आँखों के तारे मिथिला नगरी में श्रावण कृष्णा अष्टमी अश्वनी नक्षत्र में जन्मे स्वर्ण वर्णी नील कमल चिन्ह से
Shri Vasupujya Ji Chalisa : चम्पापुर नगरी में जन्मे पिता श्री महाराज वसुपूज्य जी एवं माता जयादेवी जी के लाड़ले 12 वें धर्मतीर्थ प्रवर्तक श्री वासुपूज्य भगवन चालीसा जन -जन
Shri Padamprabhu Chalisa : जैन धर्म के छठवे तीर्थंकर कौशाम्बी नगरी में माता सुसीमा एवं पिता श्रीधर धरण राज के राज दुलारे 1008 श्री पदमप्रभ स्वामी जी। जिन्होंने श्री सम्मेदशिखर
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