बेनी मारी छे हितकारी,

 ऋण स्वीकारूं दिलमां,

 यारी तारी कल्याणकारी,

 गुण तारा आवे जीवनमां…(1)

 

रजोहरणनी शुभ पळे आवे,

 नेमि प्रेमीनी अणगारिता आवे…(2)

 

के बेनी देजो मने आशिषो अनेक,

के तारा उपकारोनी छे महेक,

के मारी बेनीने हीरले वधावुं,

के तेनी विरतीना रंगे रंगावुं…(3)

 

संसार वनमां, भमतां-भमतां,

 कर्मा तणी ते सजाणी,

  बेनी तारी, वाणी सुणतां,

 शाश्वत सुखनी उजाणी…(4)

 

ग्रहु विरती वाजींत्रोना ताले,

 बेनी कुमकुम तिलक करूं भाले,

के मारी बेनीने हीरले वधावुं,

 के तेनी विरतीना रंगे रंगावुं…(5)

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