अवसर आव्यो आंगने, 

उत्सवनी हवे वेळा छे, 

हृदय मारूं हर्षथी, 

उमंग साथे झुमे छे, 

आतम मारो भुल्यो भान, 

अद्भुत क्षणों आवी छे,

 वीरनो उपदेश छे,

 महामंगल महा तप छे, 

रणकार छे महा तपनो, 

मारी गुरुमांना महा तपनो, 

प्रमाद छोड़ी सत्व फोरवी, 

सिंहनाद महावीरनो…(१)

 

तू त्यागना रंगोमां, 

पूर्णतः रंगायो छे, 

क्यारे आ रंगोमां, 

तू मने रंगावशे, 

आसक्तीनी दुनियामां, 

अनासक्त तू बन्यो छे, 

देहनी ममता छोडीने, 

साधना ते आदरी छे, 

तपोबलनी दिव्यताने, 

तू तो हवे पाम्यो छे,

 तारी यात्रा सिद्ध करावे, 

एवो आ महा तप छे… 

रणकार छे महा तपनो,

 भारी गुरुमांना महा तपनो,

 प्रमाद छोड़ी सत्व फोरवी, 

सिंहनाद महावीरनो…(२)

 

विरागी आतम तू, 

मन्नो तू राजा छे ,

मोहरायनी सामे तू, 

क्षत्रिय बनी वरसे छे,

 आभा छे तारी एवी, 

सहुना मन मोहे छे,

 दर्शन तारु पामीने,

 मुझ हैयू हरखे छे, 

प्रसन्नताना उपवनमां, 

मयूर सम सोहे छे, 

अध्यात्मनी भव्यताथी,

 मोक्षना मार्गे प्रयाण छे… 

रणकार छे महा तपनो, 

मारी गुरुमांना महा तपनो,

प्रमाद छोड़ी सत्व फोरवी, 

सिंहनाद महावीरनो…(३)

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