अंतरना अंतरिक्षमां मने मळजे,

 भीतरना दरियामां थी मने मळजे,

आंखोमां पूर छे, हैयुं मजबूर छे,

 भक्तिनो ए ज सूर छे…( १)

 

कहेवुं घणुं छे, कानोमां तारा,

 पण जाणे होठे, लाग्या छे ताळा,

 रहेवुं घणुं छे, चरणोमां तारा,

 पण मारा जेवां, ताहरे घणा

मांग्युं मैं, तारा थी, तारा वगर बधुं,

बस तने नहीं…( २)

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