आदिनाथजी अलबेला आवे, 

चारसो दिनना उपवासी थावे,

 पावन थया श्रेयांस नृपना बारणा,

 आया रे आया वर्षीतपना पारणा…

 आया रे आया, आया रे आया, आया रे…(१)

 

ईक्षुरसथी करे तेर मासी पारणा, 

अक्षय तृतिया करे छे ओवारणा, ओवारणा…(२)

 

प्रथम प्रभुना, प्रथम तपना, 

प्रथम दानथी, प्रथम पारणा, 

पंच दिव्यनी थाये त्यां प्रक्षालना, 

अहो दानम् नी देवो करे घोषणा, 

आया रे आया, आया रे आया, आया रे…. 

ईक्षुरसथी करे तेर मासी पारणा, 

अक्षय तृतिया करे छे ओवारणा, ओवारणा…(३)

 

कोमल कांति, तपमां छलके रे 

 आत्मकमळमां, निरखता झळके रे, 

कर्म विजयी, करवाना हरखमां, 

तपस्वी प्यारा, भक्तिथी मलके रे, 

रसत्यागना अवसर छे सोहामणा, 

जेथी “अंकित” थया, तपना पारणा, 

आया रे आया, आया रे आया, आया रे… 

ईक्षुरसथी करे तेर मासी पारणा, 

अक्षय तृतिया करे छे ओवारणा, ओवारणा…(४)

Shares:
Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *