आदिदेव के वंशज है हम,

 वीर के व्रतधारी, हम सराक है, 

हम सराक है,

हम सराक समकितधारी…(१)

 

हम शासन के सैनानी, 

महावीर के अनुयायी, 

है वारस हम प्रभु पारस के, 

हम श्रावक सुसंकारी, 

देव गुरु जैन धर्म पाकर,

 बनेंगे मुक्तिगामी, हम सराक है,

 हम सराक है,

हम सराक समकितधारी…(२)

 

अनंत-धर्म है, गोत्र हमारे है, 

प्रीय हमे गिरनारी, हम सराक है, 

हम सराक है,

हम सराक समकितधारी….(३)

 

हम जैन है, हम सराक है, 

जिनशासन के हम श्रावक है, 

प्रभु वंशज है, हम वारस है, 

हम वीर है, हम पारस है…(४)

 

शासन पर जो आफत आए,

 बनेंगे रक्षाकारी, 

तीर्थ भक्ति, शासन सेवा में,

 देंगे जान हमारी, हम सराक है,

 हम सराक है,

हम सराक समकितधारी…(५)

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