बनवा अणगार करवा भवपार…

बनवा अणगार करवा भवपार..

तोड्यो जेणे संसारनो बंधन

वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन… (2)

वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन… (2)

बनवा अणगार करवा भवपार…

बनवा अणगार करवा भवपार..

तोड्यो जेणे संसारनो बंधन

वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन… (2)

वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन… (2)

धन्य घडी आवीछे आजे,

शंखनाद घटनाद बाजे,

त्याग करेछे मुक्ति काजे,

विरला वैरागी…

भर यौवन सुखने छोडी,

सुविधाओथी मुखने मोडी,

कायानी पण ममता तोडी नीकळे वैरागी

 तूजमां छे बळ कर संयम सफळ

महावीर नो छे तू वीर नंदन…

वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन… (2)

वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन… (2)

संस्कारीता गईरे भागी,

आवा समयमां वैरागीना,

दर्शन करे ते सौभागी

आवा युगमां पडता युग मां,

आधुनिकता नी धुन लागी,

दुर्लभ छे आवा द्रश्य नु सर्जान…

वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन…

(2) वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन… (2)

Shares:
Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *