मनमोहनगारो प्राणथी प्यारो,

श्यामलिया सारो नेमि, 

शिवानां जायाने शिवपुर राया,

लागी तारी माया नेमि,

 छे वीतरागी तुं, छे सौभगी तुं,

नेमिने मारी वंदना…. 

गिरनारी नेभि जय जय नेमि…(१)

 

मुखडुं जोवा आंखो तरसती,

दर्शने तारा हुं आवुं, 

आंखो चमकती कामणने करती,

नीरखी आनंद हुं पावुं, 

ऊंचा शिखरे बिराजे नेमि,

पशुडां बचावे नेमि, 

यादवकुळनी दुलारो छे,

राजुलने प्यारो नेमि,

 छे कृपाळुतुं, छे दयाळुतुं,

नेमिने मारी वंदना…(२)

 

अनादी काळथी हुं तो रखडतो,

चरणे तारा हुं आवुं, 

गिरनार गिरिनो योग सफळ तो,

नेमी जेवा मारे थवुं,

 कषायो कापी समकित आपी,

विषयोने ठारो नेमि,

 आ पापी आतमने राजुल बनावी,

जल्दी तेडावो नेमि,

 छे सथवार तुं, छे भरथार तुं,

नेमिने मारी वंदना…(३)

 

हर घर में अब एक ही नाम,

एक ही नारा गूंजेगा, 

मेरे जैनों का बच्चा-बच्चा,

जय जय नेमिनाथ बोलेगा…(४)

Shares:
Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *