जात्रानी करो तैयारी…

जात्रानी करो तैयारी… 

धीरे-धीरे नहीं, झटपट मारे,

करवी जात्रा, छठ चोवीहारी,

 बे चार नहीं, सात जात्रा,

करवानी, जागी खुमारी,

 आवी रही छे, आदिनाथना,

भक्तोनी सवारी,

 आवी रही छे, गिरिराज पर,

वीरोनी सवारी, 

आवी रही छे, आदिनाथना,

वीरोनी सवारी, 

व्हालमजी मारा, प्रीतमजी मारा, 

शूरवीरो मारा,जात्रानी करो तैयारी…

 व्हालमजी मारा,

जात्रानी करो तैयारी….(१)

 

हे.. गिरिराजनी माटी लगावी,

करशुं जात्रा शरू, 

हो.. आदिनाथनुं नाम लईने,

करशुं कार्य पूरूं, 

थाक लागे तो, ऋषभने भेटीशुं,

नींदर आवे तो, गिरि पर लेटीशुं, 

हो.. विजयतिलक गिरिराजना करशुं,

मोहरायाने मारी, व्हालमजी मारा,

प्रीतमजी मारा, शूरवीरो मारा,

जात्रानी करो तैयारी… 

व्हालमजी मारा,

जात्रानी करो तैयारी…(२)

 

दादा आदिनाथ बुलावे,

गिरिराज की मिट्टी पुकारे, 

सात जात्रा करने आए हम,

सात जात्रा करके जाएंगे,

 शासन की ज्योत जगाने,

चले चलो, चले चलो, 

मुक्ति का तिलक लगाने,

चले चालो..

दादा आदिनाथ बुलावे,

चले चलो, चले चलो, 

गिरिराज की मिट्टी पुकारे,

चले चलो, 

सात जात्रा करने आए हम,

सात जात्रा करके जाएंगे…(३)

 

शुभं भवः, श्रेयो भवः,

मंगल भवः, कल्याणं भवः

 मुक्तिना मार्गे, हो मंगल प्रयाण,

प्रभु ऋषभ समान बनजो भगवान,

 एज ईच्छा शुभेच्छा ने भावना

सद्भावना होजो तमने अगारी,

शुभं भवः,श्रेयो भवः,

मंगल भवः, कल्याणं भवः(४)

 

जन-जन की सेवा यही मेरी पूजा,

तुम ही तुम हो कोई ना दुजा,

तुमसे है सब कुछ रोशन,

कण-कण में तुं है,

 हमे रास्तों की जरूरत नहीं है,

हमे तेरे पैरों के निशा मिल गये है…(५)

 

वसमो घणो छे वियोग तारो,

मने याद आवतो तारो सथवारो…

तारो ने मारो संबंध न्यारो,

मने याद आवतो तारो सथवारो…(६)

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