स्पर्श परमनो पामवा,

संयमनी सुखडी चाखवा चाखवा..

संसारी सुखोने त्यजी,

आतमना सूखने माणवा माणवा..

 धन्य छे धन्य छे,

उपधान करे ते धन्य छे… 

धन्य छे धन्य छे,

मोक्षमाळा वरे ते धन्य छे…1

 

होऽऽ वीर वाटे वीर आणा,

धरवा जे उपधान करे, 

देह आत्मना भेद ज्ञानने,

अनुभवे प्रत्येक पळे,

 सूत्रनी पामी अनुगणा,

भाव श्रावक तेह बने, 

वस्ता गुरुकुल वासमां ते,

शीघ्र मुक्तिमाळा वरे, धन्य छे…2

 

होऽऽ गच्छाधिपति जयघोष,

सूरिजीना समाधि स्थळे,

कुमारपाल वी शाह,

अम परिवार नित उपकारी बने, 

सात वर्षनी नानी वयमां,

कर्षीने उपधान फळे,

 शातापूर्वक तप करीने,

मोक्षनी ए माळा वरे, धन्य छे…3

 

दादा कल्पेशभाई,

दादी धात्रीकाबेन हर्षे भर्या, 

पिता कर्तव्य,

माता शीतलबेन आजे हेले चढ्या, 

लावो लई उपधाननो,

कर्षीना कल्याण मित्र बन्या, 

हीर आतमनुं वधारी,

कर्षी ए वीर हैये धर्या, धन्य छे…4

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