मारे साधवी छे संयमनी साधना (२) 

मारे अंतरथी करवी आराधना…

 

वाणी विचारे संयमना रंग हो

 जीवन सागरना संयमी तरंग हो, रे…

नथी करवी ओ मारे विराधना… मारे.(1)

 

मोक्षना प्रदेशनो शोधक छे संयमी,

 पाप पूंजनो अवरोधक छे संयमी, रे…

ओने पगले पगले उपशामना… मारे.(2)

 

संयमी वर्तनना नर्तन जीवन हो, 

मृत्यु पामेला पण मारा सजीवन हो, रे…

मारा श्वासे श्वासे ओक भावना… मारे.(3)

 

संयम चरण रमे लक्ष्मी संसारनी,

 भावना जागी रहे नित्य भवपारनी रे…

मारा जीवननी ओक ज

ओक कामना… मारे.(4)

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