मनमोहन तुं छे गुणवंत..(२)

बाल ब्रह्मचारी, संयमधारी,

बावीसमो भगवंत…

 

छ’रि पालित संघ लईने आवशुं..(२)

मागसर सुद त्रीजना दिवसे,

 कुवाळा थी प्रयाण करशुं,

 नेम सूराज संघोत्सव, 

आव्यो कुवाळा नगरे, 

इतिहासमां संघ गवाय,

 आव्यो गीरनार तीर्थ… 

उडावो लाल गुलाल रे, 

कुवाळा नगरे, 

इतिहासमां संघ गवाय, 

आव्यो गीरनार तीर्थे…(१)

 

शामलीयो तुं गीरनारी..(२)

तारा मारगडे चालवा हुं तो, 

राजुल बनु छुं तारी,

 माता शिवादेवीना नंदन.. (२)

समुद्रविजयना नेमकुमारने, 

संघना कोटि वंदन, 

नेम सूराज संघोत्सव, 

आव्यो कुवाळा नगरे,

 इतिहासमां संघ गवाय, 

आव्यो गीरनार तीर्थे…(२)

 

पोष सुद सातम दिवसे,

 बे हजार ऐंशी वरसे,

 सुराज गुरु कल्पे, 

माळारोपण थशे,

 उडावो लाल गुलाल रे,

 कुवाळा नगरे, 

इतिहासमां संघ गवाय,

 आव्यो गीरनार तीर्थे… 

नेम सूराज संघोत्सव, 

आव्यो कुवाळा नगरे,

 इतिहासमां संघ गवाय, 

आव्यो गीरनार तीर्थे…(३)

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