नेमिनाथना हाथे रे,

थाशे रे मारी दीक्षा, 

दीक्षा दीक्षा… मारी दीक्षा दीक्षा…

 गुरुमैयाना मुखेथी,

मळशे जीवननी शिक्षा…(१)

 

गढ गिरनारथी, मळ्यो संदेश, 

दौडी दौडी जाउं हुँ तो, प्रभुवरना देश, 

नेमिनाथना हाथे रे, थाशे रे मारी दीक्षा, 

गुरुमैयाना मुखेथी,

मळशे जीवननी शिक्षा… 

दीक्षा दीक्षा… मारी दीक्षा दीक्षा…(२)

 

मोहजेता, कर्महर्ता, देव पूज्या, प्रव्रज्या….

 

जगनी आ जूठी प्रीति छोडवा

जेवी मुजने लागे त्यारे,

 सनातन प्रीति करवा चाले… 

ईच्छा नीवृत्तीनी हवे लगनी

मुजने लागे ज्यारे 

सनातन प्रीति करवा चाले…(३)

 

गुणोंनी जागी मुजने एवी अगन, 

शमशे नहीं हवे नेमि वगर, 

नेमिनाथना हाथे रे,

थाशे रे मारी दीक्षा, 

गुरुमैयाना मुखेथी,

मळशे जीवननी शिक्षा… 

नेमि राहीनी अणगारिता…(४)

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