हैयानी हवेली, बनावुं मारा नाथ, 

अंतरमां प्रभु आप बिराजो,

थाय मने निरांत..(१)

 

हैयानी हवेलीए, बांध्यो प्रभु हिंचको, 

हिंचको नथी रे, मल मलनो गालीचो, 

भावना ना आसन बिछावुं मारा नाथ, 

अंतरमां प्रभु आप बिराजो,

थाय मने निरांत.. हैयानी हवेली..(२)

 

सोनानी सांकळ नथी, आरसना ओरडा, 

प्रेम तणा तांतणेथी, गुंथ्या मैं दोरडा, 

पूरी भकित भावथी, बोलावुं मारा नाथ, 

अंतरमां प्रभु आप बिराजो,

थाय मने निरांत.. हैयानी हवेली..(३)

 

भाव भरी भकित एवी, सेवानो साद छे,

 अंतरनी उर्मीनो, एक अवाज छे, 

ताळीओना ताले, रिझावु मारा नाथ,

 अंतरमां प्रभु आप बिराजो,

थाय मने निरांत.. हैयानी हवेली..(४)

 

 

 

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