प्रभु अब तुझसे दिल लगाना है,
प्यार तेरा पाना है,
धीरे – धीरे पास तेरे आना है,
तुझमें समा जाना है ,
तू भी था मेरे जैसा,
आचरण किया ऐसा,
जिससे तूने पाया है, सुख भरपूर,
मुझको भी कहा तूने,
बात ना सुनी मैने,
पाया दुःख अनंता मैं,
रहके तुझसे दूर,
अब तो सुख अनंत पाना है,
तुझमें समा जाना है,
प्रभु अब तुझसे….. १
भव अनंत भटका हूँ,
भोग सुख में अटका हूँ,
जानकर भी खोले हैं,
दुर्गति के द्वार,
खुद को ही मैं भूला हूँ,
बस अहं में फूला हूँ,
जीत के समय में भी,
पाई मैने हार,
बस अब खुद को ही जिताना है,
तुझमें समा जाना है,
प्रभु अब तुझसे…..२
दौड़ में जीवन खोया,
बाद में बहुत रोया,
पर ये पुनरावर्तना,
की मैने हर जनम,
अब तेरा वचन पाया,
मुझको होश है आया,
ऐसा हीर मुझको दे,
फिर ना हो जनम,
प्रभु तेरा स्थान मुझको पाना है,
तुझमे समा जाना है,
प्रभु अब तुझसे….. ३