हे नेमिनाथ दादा!

 तारा चरणोनी धूळ, मारा माटे चंदन छे, 

मनने मारा बहुज गमे, ए तारुं बंधन छे,

 सुख मळ्युं छे अलौकिक मने, तारा

दीदारथी, संजोगो तारा दर्शनना सदा बने, 

एवा हृदयनां स्पंदन छे…

 

तर्ज: (और इस दिल में क्यां रखा है)

 

जोई मूरत तमारी, भीनी छे आंख अमारी,

 सांभळो व्हाला नेमि, नानी अरजी मारी, 

छोडीने तने जगतनो, साथ खोटो लागे,

 चाले तारा भरोसे, जिंदगी आ मारी, 

नेमि नेमि नाम रटिने, थायुं छे भवपार, 

मने थावुं छे भवपार…(१)

 

हैयुं तमारुं, स्मरण करे छे, 

आ हैयुं तमारु ध्यान धरे छे, 

गिरनारनां नेमिनाथ गमे छे… हो हो हो.. 

गिरनारनां नेमिनाथ गमे छे…(२)

 

राजुल तमारी वाट जुवे छे, 

आ राजुल तमारी वाट जुवे छे,

 गिरनारनां नेमिनाथ गमे छे… हो हो हो..

 गिरनारनां नेमिनाथ गमे छे…(३)

 

 तमे छो वीर वीरल, अमे कर्मोथी घायल,

 आंखो संसार बन्यो छे, तारी करुणानो

कायल, मारुं सौभाग्य मुजपर, नेम नजरो

पड़ीं छे, प्रीतमां तारी हुं तो, बन्यो‌ छुं

घेलो श्यामळ, नेमि निरंजन भवदुःख भंजन,

आतमनां अणगार, नेमि सिद्धशिला शणगार…..(४)

 

स्वामी तमारो दास कहे छे,

 एक-एक मारो श्वास कहे छे, 

गिरनारनां नेमिनाथ गमे छे… हो हो हो.. 

गिरनारनां नेमिनाथ गमे छे….(५)

 

राजुल तमारी वाट जुवे छे, 

आ राजुल तमारी वाट जुवे छे, 

गिरनारनां नेमिनाथ गमे छे… हो हो हो..

 गिरनारनां नेमिनाथ गमे छे…(६)

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