(लय – ये तो सच है की भगवान है…)
ये तो सच है कि नवकार में, सब मंत्रो का ही सार है -२
इसे जो भी जपे रात दिन, होता उसका ही भव पार है।
ये तो सच है कि नवकार में…
अरिहंतो को भी इसमें सुमिरन किया, और सिद्धो का भी इसमें ध्यान धरा
आचार्यो को भी नतमस्तक होकर, उपाध्यायों को भी इसमें वंदन किया।
सब साधु भगवन्तो को भी, नमन इसमें बारम्बार है -२
इसे जो भी जपे रात दिन, होता उसका ही भव पार है।
ये तो सच है कि नवकार में….
राजा श्रेणिक भी जब कुष्ठ रोगी बना, जाप इसका किया और निरोगी बना
सुदर्शन श्रावक जब सूली चढ़ा, ध्यान इसका धरा सूली आसान बना।
हम तो कहते है नवकार तो, सब मंत्रो का सरताज है
इसे जो भी जपे रात दिन, होता उसका ही भव पार है।
ये तो सच है कि नवकार में, सब मंत्रो का ही सार है -२
इसे जो भी जपे रात दिन, होता उसका ही भव पार है।
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