राजधानी पटना से लगभग 65 कि•मी• दूर नालंदा जिला स्थित इस्लामपुर नगर में एकमात्र दिगम्बर जैन मंदिर अवस्थित है।

जहां आकर्षक सुशोभित मूलवेदी में मूलनायक जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान चन्द्रप्रभु जी की मनोज्ञहारी अतिप्राचीन प्रतिमा विराजमान है, इसी वेदी में दर्जनो जैन तीर्थंकरो की प्रतिमायें भी विराजमान है।

इस प्राचीन मंदिर का नींव रखने वाले स्वर्गीय बाबू गीर्धर मल जी जैन है जो जैन समाज के हित मे सोचते हुए इस मंदिर का निर्माण करा जैन समाज को एक बड़ा तोहफा दिया।

ये पुरे ईशरामपुर वर्तमान इस्लामपुर नगर के जमींदार थे , इनका पुरे नगर मे जमींदारी चलती थी और ये जैसवाल जैन थे जिनकी चार पुस्त पूर्व राजस्थान से पलायन कर बिहार आये थे।

स्वर्गीय बाबू गीर्धर मल जी जैन द्वारा आज से करीबन 300 वर्ष पूर्व में यहां इस जैन मंदिर का निर्माण कराया गया था।

शिखरबंद मंदिर होने के साथ गुम्बद में चौबीसो टोंक को दर्शाया गया है जो श्रावको को चौबीसो तीर्थंकर के दर्शन का एहसास कराता है।

यहां के मंदिर जी की बनावट प्राचीनता को दर्शाता है।

इस जैन मंदिर में साधु-संतो के ठहरने हेतु एक हाॅल का भी निर्माण कराया गया है।

यहां 30-35 घर जैन समाज है जो मिलकर हर जैन त्योहारो को धूमधाम के साथ आयोजित करते है।

यहां की व्यवस्था एवं संचालन स्थानीय जैन समाज के द्वारा ही किया जाता है।

इस्लामपुर दिगम्बर जैन मंदिर बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड से संबंधित है।

इस मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य जारी है।

आप एक बार अवश्य इस जैन तीर्थ स्थल का दर्शन करे और धर्मलाभ ले।

ये स्थल भगवान महावीर स्वामी की निर्वाण स्थली पावापुरी जी से 55 कि•मी , राजगृह से 40 कि•मी और गया जी से 48 कि•मी• दूर है यहां बस या अपनी गाड़ी द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

पटना से रेल एवं बस द्वारा साधन उपलब्ध है।

  •      प्रवीण जैन

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