श्रवणबेलगोला मंदिर कर्नाटक राज्य के मैसूर में स्थित एक प्रसिद्ध जैन तीर्थ है। श्रवणबेलगोला में मुख्य आकर्षण का केंद्र गोमतेश्वर स्तंभ है। जैन तीर्थंकर में बाहुबलि सर्वप्रथम मोक्ष प्राप्त करने वाले तीर्थंकर थे।

श्रवणबेलगोला का इतिहास
श्रवणबेलगोला कुंड पहाड़ी की तराई पर स्थित है। यह जगह चन्द्रबेत और इन्द्रबेत पहाड़ियों के बीचो-बीच स्थित है। प्राचीनकाल में यह स्थान जैन धर्म का महान केन्द्र था। जैन अनुश्रुतियों के मुताबिक मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त ने अपने राज्य का परित्याग कर अंतिम दिन मैसूर के श्रवणबेलगोला में व्यतीत किया था।

गोमतेश्वर प्रतिमा
मान्यता है कि यहां स्थित गोमतेश्वर प्रतिमा 1000 वर्षों से भी पुरानी है। यह इंद्रगिरि पर्वत पर 58.8 फीट ऊंची एक पत्थर से बनी मूर्ति है। जैनियों में मान्यता है कि बाहुबली गोमतेश्वर मोक्ष पाने वाले पहले व्यक्ति थे। हर 12 साल पर श्रद्धालु यहां महामस्तकाभिषेक के लिए जुटते हैं। इस मूर्ति को केसर, घी, दूध, दही, सोने के सिक्कों तथा कई अन्य वस्तुओं से नहलाया जाता है।

श्रवणबेलगोला की मान्यता
श्रवणबेलगोला में स्थापित गोमतेश्वर की प्रतिमा के लिए यह मान्यता है कि इस मूर्ति में शक्ति, साधुत्व, बल तथा उदारवादी भावनाओं का अद्भुत प्रदर्शन होता है।

 

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