दोहा
बिन जाने वा जानके, रही टूट जो कोय।
तुम प्रसाद तैं परमगुरु, सो सब पूरन होय॥
पूजनविधि जानूँ नहीं, नहिं जानूँ आह्वान।
और विसर्जन हू नहीं, क्षमा करहु भगवान॥
मन्त्रहीन धनहीन हूँ, क्रियाहीन जिनदेव।
क्षमा करहु राखहु मुझे, देहु चरण की सेव॥
आये जो जो देवगण, पूजे भक्ति प्रमान।
ते अब जावहू कृपाकर, अपने – अपने थान॥
(निम्न श्लोक पढ़कर विसर्जन करना चाहिये)

श्री जिनवर की आशिका, लीजे शीश चढ़ाय।
भव-भव के पातक कटें, दुःख दूर हो जाय॥
(यहाँ पर नौ बार णमोकार मंत्र जपना चाहिये)

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  • दीपावली पूजन -विधि
  • श्री महावीर स्वामी जी जिन पूजा
  • श्री पार्श्वनाथ जिन पूजा 
  • जैन सप्तर्षि पूजा Saptarishi Pooja
  • सोलह कारण पूजा || Solah Karan Pooja
  • नन्दीश्वर द्वीप पूजा Nandishwar Dweep Pooja
  • दस लक्षण पूजा Jain Das Lakshan Pooja

Note

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