चिन्तामणि पार्श्व तने (Hindi Lyrics) जैन स्तवन

चिन्तामणि पार्श्व तने वन्दू वारंवार -2 

मन थी ध्याऊँ तन थी ध्याऊँ वचन गाउँ रे

वचन गाउँ रे

चिन्तामणि पार्श्व तने वन्दू वारंवार

मन थी ध्याऊँ तन थी ध्याऊँ वचन गाउँ रे

वचन गाउँ रे……..

चिन्तामणि पार्श्वनाथ 

तारा मुख ने जोई हरखू , तने वारे वारे निरखु-2

तोये तृप्ति ना थाए , मारू मनडु खिचाय,

मारो आतम मस्त बनी जाए बनी जाए बनी जाए

चिन्तामणि पार्श्व तने वन्दू वारंवार -2 

मन थी ध्याऊँ तन थी ध्याऊँ वचन गाउँ रे

वचन गाउँ रे

चिन्तामणि पार्श्वनाथ 

तारो अद्धभुत बिम्ब निरालु , पेला चंदा करता रूपालु,-2

तोड़े राग ने द्वेष , आपे समता अशेष ,

शुद्ध थाय आतम ना प्रदेश रे प्रदेश

चिन्तामणि पार्श्व तने वन्दू वारंवार -2 

मन थी ध्याऊँ तन थी ध्याऊँ वचन गाउँ रे

वचन गाउँ रे

चिन्तामणि पार्श्वनाथ…….

आत्म कमल मा पार्श्वजी तमने , बेसाड़या छूटो ना सपने-2

विक्रम विनवे तने , रहजे मारी तने, 

केवल लब्धि प्रकाटशे मुझने रे

चिन्तामणि पार्श्व तने वन्दू वारंवार -2 

मन थी ध्याऊँ तन थी ध्याऊँ वचन गाउँ रे

वचन गाउँ रे

चिन्तामणि पार्श्वनाथ |…….

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