गुरु ने जहाँ-जहाँ भी ज्योति जलाई है।
काले-काले बादलों पर रोशनी सी छाई है।
विद्यासागर गुरुदेव… विद्यासागर गुरुदेव…
तन मन में वैराग्य जिनके समाया है।
शाश्वत सुख पाने छोड़ी जग माया है।
निर्मोही गुरुवर पे दुनिया रिसाई है।
गुरु के सिवा हर चीज पराई है।
विद्यासागर गुरुदेव… विद्यासागर गुरुदेव…
अखियों को खोल जरा ज्ञान के उजाले में
रख विश्वास पूरा जग रखवाले में ।
कितनी ही बार मैंने खुद को समझाई है।
गुरु के सिवा हर चीज पराई है।
विद्यासागर गुरुदेव… विद्यासागर गुरुदेव…
संकटों से भरा गुरु मुक्ति पथ हमारा है।
बीच भवर मैं नैया तेरा ही सहारा है।
हँसी खुशी आगे बढ़ो गुरु ने सिखाई है।
गुरु के सिवा हर चीज पराई है।
विद्यासागर गुरुदेव… विद्यासागर गुरुदेव…
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