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Bhajan Lyrics

Chauvihar tivihar pachhkan hindi

दिवसचरिमं पच्चक् खाइ (पच्चक् खामि); चउव्विहं पि आहारं, तिविहं पि आहारं, दुविहं पि आहारं, असणं, पाणं, खाइमं, साइमं, अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहि- वत्तियागारेणं वोसिरई (वोसिरामि).
Bhajan Lyrics

Chauvihar upvas pachhkan hindi

सूरे उग्गए अब्भत्तद्वं पच्चक् खाइ (पच्चक् खामि); चउव्विहं पि आहारं, असणं, पाणं, खाइमं, साइमं, अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, पारिट्ठावणियागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहि-वत्तियागारेणं, वोसिरई (वोसिरामि).
Bhajan Lyrics

Tivihar upvas pachhkan hindi

सूरे उग्गए अब्भत्तटुं पच्चक् (पच्चक् खामि); तिविहं पि आहारं, असणं, खाइमं, साइमं, अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, पारिट्ठावणियागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहि-वत्तियागारेणं; पाणहार पोरिसि, साङ्कपोरिसि, मुट्ठिसहिअं, पच्चक् खाइ (पच्चक् खामि); अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, पच्छन्नकालेणं, दिसामोहेणं, साहुवयणेणं,
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Sure uge pachhkan hindi

उग्गए सूरे, नमुक्कार-सहिअं, पोरिसिं, साङ्कपोरिसिं, सूरे उग्गए पुरिमड्डू, अवड मुट्ठिसहिअं, पच्चक्खाइ (पच्चक्खामि); चउव्विहं पि आहारं, असणं, पाणं, खाइमं, साइमं, अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, पच्छन्नकालेणं, दिसामोहेणं, साहुवयणेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहि- वत्तियागारेणं वोसिरई (वोसिरामि).

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जीव दया ही परम धर्म है| आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज
अच्छे लोग दूसरों के लिए जीते हैं जबकि दुष्ट लोग दूसरों पर जीते हैं आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज
नम्रता से देवता भी मनुष्य के वश में हो जाते हैं आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज
जिस तरह कीड़ा कपड़ों को कुतर देता है, उसी तरह ईर्ष्या मनुष्य को आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज